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Bahut Door, Kitna Door Hota Hai (Hindi Book) | Manav Kaul

Bahut Door, Kitna Door Hota Hai (Hindi Book) | Manav Kaul

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Author: Manav Kaul

Publisher: Hind Yugm

Pages: 160

Edition: Latest

Binding: Paperback

Language:Hindi

Translator:---

Bahut Door, Kitna Door Hota Hai (Hindi Book) | Manav Kaul

Book by Manav Kaul | Published By Hind Yugm

मानव कौल के जीवन को उनके लिखे के बहाने समझा जा सकता है। एक लेखक का लिखा किस तरह उसके जीवन और लेखन में यात्रा कर रहा होता है उसे मानव की किताबों से गुजरते हुए गुना जा सकता है। मानव की यह लेखन यात्रा 13 किताबों तक पहुँच चुकी है-'ठीक तुम्हारे पीछे' (कहानियाँ), 'प्रेम कबूतर' (कहानियाँ), 'तुम्हारे बारे में' (न कविता, न कहानी), 'बहुत दूर, कितना दूर होता है' (यात्रा-वृत्तांत), 'चलता-फिरता प्रेत' (कहानियाँ), 'अंतिमा' (उपन्यास), 'कर्ता ने कर्म से' (कविताएँ), 'शर्ट का तीसरा बटन' (उपन्यास), 'रूह' (यात्रा-वृत्तांत), 'तितली' (उपन्यास), 'टूटी हुई बिखरी हुई' (उपन्यास), 'पतझड़' (उपन्यास) और 'कतरनें' (न कविता, न कहानी)। यह किताब एक नए और अलग क्रिस्म का यात्रा-वृत्तांत लेखन है। इस किताब में मानव कौल ने मई से जून 2019 के बीच यूरोप के अलग-अलग स्थानों पर की गई अपनी एकल यात्रा को दर्ज किया है।

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