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मेरी फ़ितरत है मस्ताना- Meri Fitrat Hai Mastana (Hindi Book) | Manoj ‘Muntashir’
मेरी फ़ितरत है मस्ताना- Meri Fitrat Hai Mastana (Hindi Book) | Manoj ‘Muntashir’
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Author: Manoj ‘Muntashir’
Publisher: Vani Prakashan
Pages:
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Language:Hindi
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मेरी फ़ितरत है मस्ताना- Meri Fitrat Hai Mastana (Hindi Book) | Manoj ‘Muntashir’
Book By Manoj ‘Muntashir’ | Published by Vani Prakashan
गलियाँ, तेरे संग वारा, कौन तुझे यूँ प्यार करेगा, मेरे रश्के कमर, मैं फिर भी तुमको चाहूँगा जैसे दर्जनों लोकप्रिय गीत लिखने वाले मनोज 'मुंतशिर', फिल्मों में शायरी और साहित्य की अलख जगाए रखने वाले चुनिंदा कलमकारों में से एक हैं। वो दो बार IIFA अवार्ड, उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'यश भारती', 'दादा साहब फाल्के एक्सेलेन्स अवार्ड', समेत फिल्म जगत के तीस से भी ज़्यादा प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत चुके हैं। फिल्मी पण्डित और समालोचक एक स्वर में मानते हैं कि 'बाहुबली' को हिन्दी सिनेमा की सबसे सफल फ़िल्म बनाने में, मनोज 'मुंतशिर' के लिखे हुए संवादों और गीतों का भरपूर योगदान है। रुपहले परदे पर राज कर रहे मनोज की जड़ें अदब में हैं। देश-विदेश के लाखों युवाओं को शायरी की तरफ वापस मोड़ने में मनोज की भूमिका सराहनीय है। मेरी फितरत है मस्ताना... उनकी अन्दरूनी आवाज़ है। जो कुछ वो फिल्मों में नहीं लिख पाये, वो सब उनके पहले कविता संकलन में हाज़िर है।