Akshardhara Book Gallery
Patjhad । Patjhar । पतझड़ (Hindi Book) | Manav Kaul
Patjhad । Patjhar । पतझड़ (Hindi Book) | Manav Kaul
Share
Couldn't load pickup availability
Author: Manav Kaul
Publisher: Hindu Yugm
Pages:
Edition:
Binding:
Language:Hindi
Translator:
Patjhad । Patjhar । पतझड़ (Hindi Book) | Manav Kaul
Book by Manav Kaul | Published by Hindu Yugm
मानव कौल का पाँचवाँ उपन्यास
मैं बस ये कहना चाह रहा था कि अगर मैं किताब नहीं पढ़ता, अगर मैं इन दोनों जगहों पर नहीं जाता तो शायद मैं पिछली बार की तरह यूँ ही, पूरे म्यूज़ियम से टहलते हुए बाहर निकल आता। पहली बार उनके चित्रों के रंग मुझे अपनी तरफ़ खींच रहे थे, उनके ब्रश स्ट्रोक- अकेलापन, पीड़ा, प्रेम सारे कुछ से सने हुए थे। उनकी हर तस्वीर, तस्वीर बनाने की प्रक्रिया भी साथ लेकर चलती है। मैं उनकी पेंटिंग Weeping Nude के सामने जाने कितनी देर खड़ा रहा! मैं Munch के सारे रंगों की जानता था, वो मेरे जीवन के रंग थे, वो मेरे अकेलेपन, कमीनेपन के रंग थे, अगर कोई पूछे कि गहरी उदासी कैसी होती है तो मैं Munch की किसी पेंटिंग की तरफ़ ही इशारा करूँगा।