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Theek Tumhare Peeche (Hindi Book) | Manav Kaul
Theek Tumhare Peeche (Hindi Book) | Manav Kaul
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Author: Manav Kaul
Publisher: Hind Yugm
Pages: 192
Edition: Latest
Binding: Paperback
Language:Hindi
Translator:---
Theek Tumhare Peeche (Hindi Book) | Manav Kaul
Book by Manav Kaul | Published by Hind Yugm
मानव कौल के जीवन को उनके लिखे के बाहाने समजा जा सकता है। एक लेखक का लिखा किस तरह उसके जीवन और लेखन में यात्रा कर यहाता है उसे मानव की किताबों से गुज्जरते हुए गुना जा सकता है। मानव की यह लेखन यात्रा कताबों तक पहुँच चुकी है- 'ठीक तुम्हारे पीछे' (कहानियाँ), 'प्रेम कबूतर' (कहानियाँ), तुम्हारे बारे में' (न कविता, न कहानी), 'बहुत दूर, कितना दूर होता है' (यात्रा-वृत्तांत), 'चलता-फिरता प्रेत' (कहानियाँ), 'अंतिमा' (उपन्यास), 'कर्ता ने कर्म से' (कविताएँ), 'शर्ट का तीसरा बटन' (उपन्यास), 'रूह' (यात्रा-वृत्तांत), 'तितली' (उपन्य, 'टूटी हुई बिखरी हुई' (उपन्यास), 'पतझड़' (उपन्यास), 'कतरनें' (न कविता, न कहानी) और 'साक्षात्कार' (उपन्यास)।
